हरियाणा सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर -HARYANA GK QUESTIONS

हरियाणा सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर -HARYANA GK QUESTIONS

हरियाणा राज्य के प्रतीक चिन्ह
राज्य चिन्ह
अशोक सिंह, कमल, पानी पर उगता सूरज और गेहूं की बालियाँ

राज्य वृक्ष – पीपलह
पवित्र पीपल वृक्ष हरियाणा का राज्य वृक्ष घोषित किया गया है। जड़, छाल, पत्ते और फल सहित पीपल पेड़ के सभी भाग उपयोगी होते हैं। औषधीय उपयोग: पेड़ की छाल प्रदाह और गर्दन की ग्रंथियों में सूजन में उपयोगी है। इसके जड़ की छाल मुखशोथ, स्वच्छ अल्सर के लिए उपयोगी है, और कणिकायन को बढ़ावा देता है। इसकी जड़ें गठिया रोग के लिए उपयोगी हैं तथा जड़ को मसूढ़ों के रोगों को रोकने के लिए चबाया जाता है।

राज्य पुष्प – कमलह
लोटस या जल लिली केवल उथले पानी में उगने वाला, बड़े तैरने वाले हरी पत्तियों वाला और चमकदार सुगंधित फूलों वाला एक जलीय पौधा है। इसके फूल को रंगों के आधार पर दो प्रकार में बांटा गया है, लाल कमल के फूल और सफेद कमल के फूल। इसके सुंदर फूल तैरने वाले तथा कई पंखुडि़यों वाले होते हैं।

राज्य पशु – कृष्णमृगह कृष्णमृग, मुख्य रूप से भारत में पाया जाता है लेकिन पाकिस्तान और नेपाल में भी इसकी छोटी आबादी पायी जाती है। कृष्णमृग का चक्राकार सींग होता है जिसमें 3 से 4 मध्यम सर्पिल मोड़ होती है और इसकी लंबाई 70 सेमी (28 इंच) तक होती है। अफ्रीका के स्याह मृग को भी कृष्णमृग कहा जाता है।
Scientific name : Antilope cervicapra

राज्य पक्षी – ब्लैक फ्रैंकोलीन (काला तीतर)ह
ब्लैंक फ्रैंकोलीन (फ्रंकोलिनुस फ्रंकोलिनुस) काला तीतर के रूप में जाना जाता है, यह उत्तर और मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्र में एक व्यापक प्रजनन निवासी है। हिन्दी में काला तीतर नामक यह सुंदर ठूंठ पूंछ वाला साहसी पक्षी सीमावर्ती झीलों, खेत और झाडि़यों के पास पाया जाता है।

हरियाणा के प्रसिद्ध साँगी तथा स्वाँग
पंडित लखमीचंद – द्रौपदी-चीरहरण, शकुंतला, गोपीचन्द, हरिश्चंद्र, राजा भोज, भरथरी, कीचक विराट, सत्यवान- सावित्री, उरवा अनिरुद्ध व नल- दमयंती इनके मुखी स्वांग रहे |
मांगेराम – दुष्यंत- शकुंतला, नवरत्न, ध्रुव भक्त व कृष्ण जन्म इनके मुख्य स्वांग रहे |
धनपत सिंह – ज्यानी चोर, पूरणमल, बणदेवी व लीलो-चमन मुख्य स्वांग रहे |
बंसीलाल – ध्रुव भक्त, सरवर नीर, राजा नल, गुरु गोगा व राजा गोपीचन्द |
अलीबख्श खाँ – अलवर का सिततनामा, नल का छडाव, राजा नल का बगदाव, फिसाना, पद्मावत, अजाइव, महाराजा शिवदान सिंह का बारहमासा, कृष्णलीला, निहालदे, चंद्रवल व गुलाब कावली इनके प्रमुख स्वांग रहे |
समरूपचंद – ज्यानी चोर, सरणदे, महाभारत, पद्मावत, रतनसेन, वन पर्व, चीर पर्व, उत्तानपाद व जमाल गबरू
अहमद बख्श – कंस लीला, रामायण, चंद्रकिरण नवलदे, सोरठ, चौहान, जयमल पत्ता व गुग्गा |
बाजे भगत – ज्यानी चोर, जमाल और चंद्राकिरण |
हरदेव – ज्यानी चोर, हीर राँझा व चंद्रकिरण |
दीपचन्द – ज्यानी चोर, राजा भोज, नल- दमयंती, हरीशचंद्र, सोरठ, सरणदे व उत्तानपाद |
पंडित शंकर लाल – पद्मिनी, भूरा- बादल, मोरध्वज व प्रह्लाद |
गोवर्धन सारस्वत – दुल्ले, महाभारत, जसवंत सिंह व कृष्ण लीला |
कृष्ण गोस्वामी – दिलावर, बुधामल, बिशनों व गुलबकावली |
बालकराम – पूर्ण भक्त, रामायण, कुंजड़ी, शिलांदे व राजा गोपीचन्द

 

हरियाणा में मिट्टी के प्रकार
हरियाणा प्रदेश का अधिकतर भाग मैदानी है तथा कृषि की उपज जलवायु और सिंचाई पर निर्भर है । राज्य में पहाड़ी क्षेत्र सीमित हैं और मैदानों की मिट्टी नदियों द्वारा बहाकर लाई मिट्टी है। हरियाणा में मुख्य रूप से तीन प्रकार की मिट्टियां पाई जाती हैं –
जलोढ़ मिट्टी – यह चिकनी मिट्टी तथा रेत के बारीक मिश्रण से बनी उपजाऊ मिट्टी है जो रवि तथा खरीफ दोनों प्रकार की फसलों के लिए उपयोगी है । यह मिट्टी हरियाणा के मैदानी भाग में पाई जाती है । इसका रंग पीला बुरा होता है । इसे यमुना और सरस्वती नदी ने यहां लाकर बिछाया है ।

पथरीली मिट्टी – यह मिट्टी हरियाणा प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है । यह मिट्टी हमें मोरनी की पहाड़ियों पर देखने को मिलती है ।

रेतीली मिट्टी– इस मिट्टी में उपजाऊ तत्वों की मात्रा कम तथा लवण की मात्रा अधिक होती है । इस मिट्टी में पानी सूखने की क्षमता अधिक होती है ।यह मिट्टी राजस्थान से चलने वाली हवाओं द्वारा हरियाणा प्रदेश में लाई जाती है इस तरह की मिट्टी हरियाणा प्रदेश के दक्षिण पश्चिम भाग में दूर-दूर तक फैली हुई है।

हरियाणा की भूमि को निम्न तीन भागों में बाटाँ जा सकता है-

पहाड़ी भूमि
मैदानी भूमि
रेतीली भूमि
1.) पहाड़ी : – इस क्षेत्र की मिट्टी पथरीली है तथा इस प्रकार की मिट्टी मोरनी की पहाड़ियों पर देखी जा सकती है । प्रदेश के दक्षिणी भाग में अरावली पर्वत की पहाड़ियों उपस्थिति होने के कारण ही यहां पथरीली और रेतीली मिट्टियां पाई जाती हैI प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में मिट्टी पतली और कठोर है।

2.) मैदानी :– प्रदेश के मैदानी भाग की मिट्टी उपजाऊ है I यह देखने में भूरे पीले रंग की है I यह मिट्टी यमुना ,सरस्वती आदि नदियों के बहाव के साथ आई है I इस क्षेत्र में अनेक फसलों की पैदावार की जाती है और सबसे उपजाऊ क्षेत्र भी हरियाणा के मैदानी भाग को ही माना जाता है I

3.) रेतीली :– हरियाणा के दक्षिण-पश्चिमी भाग में रेतीली मिट्टी पाई जाती है I इस मिट्टी का रंग हल्का भूरा है यह मिट्टी पड़ोसी राज्य राजस्थान से चलने वाली पवनों के साथ आती है I यह कृषि के लिए अधिक उपजाऊ नहीं मानी जाती है I

 

हरियाणा के स्थानों के बदले गए नाम की सूची –

क्र स जिले का नाम पुराना गाँव का नाम बदला गया नया नाम
1 गुरुग्राम गुडगाँव गुरुग्राम
2 नुंह मेवात नुंह
3 हिसार किन्नर गैबीनगर
4 फ़तेहाबाद गंदा अजीत नगर
5 महेन्द्रगढ़ चामखेड़ा देवनगर
6 हिसार कुतियावाली शहजादपुर
7 हिसार कुत्ताबढ़ प्यारनगर
8 रेवाड़ी गोठड़ा टप्प खेरी गोठड़ा अहीर
9 करनाल झिमरी खेड़ा जौली
10 गुरुग्राम भोंडसी भुवनेश्वरी
11 जींद पिंडारी पांडु पिंडारा
12 भिवानी दुर्जनपुर सज्जनपुर
13 सिरसा माखेस्योराज माखोसरानी
14 करनाल बाल रांगडान बाल राजपूतान
15 यमुनानगर मुस्तफ़ाबाद सरस्वती नगर
16 सिरसा संघ-सरिता बाबा भूषण शाहनगर
17 हिसार चमार खेड़ा सुंदर खेड़ा
18 रोहतक गढ़ी सांपला चौ. छोटूराम नगर
19 अंबाला पंजोखड़ा पंजोखड़ा साहिब
20 कुरुक्षेत्र अमीनगाँव अभिमन्युपुर
21 यमुनानगर खिज्राबाद प्रतापनगर
22 फ़रीदाबाद बल्भ्भगढ़ बलरामगढ़
23 रेवाड़ी लूला अहीर कृष्ण नगर
23 करनाल लंडूरा जयरामपुर

किमी) – शिलौंग से सब्रूम (Shillong to Sabroom)

राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 44 ए लम्बाई (230 किमी) –एज़वाल से मनु (Aizawl to Manu)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 45 लम्बाई (387 किमी) – चेन्नई से थेनी (Chennai to Theni)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 45ए लम्बाई (190 किमी) – विल्लुपुरम से नागापतनम (Villupuram to Nagapattinam)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 45बी लम्बाई (257 किमी) – त्रिची से टुतिकोरिन (Trichy to Tuticorin)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 46 लम्बाई (132 किमी) – कृश्नागिरि से रानीपेट (Krishnagiri to Ranipet)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 47 लम्बाई (640 किमी) – सलेम से कन्या कुमारी (Salem to Kanyakumari)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 47ए लम्बाई (6 किमी) –राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के संगम से विलिंगटन द्वीप (Junction with NH 47 at Kundanoor to Willington Island)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 48 (328 किमी) – बेंगलोर से मैंगलोर (Bangalore to Magalore)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 49 (440 किमी) – कोचीन से धनुषकोडी (Kochi to Dhanushkodi)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 50 (192 किमी) – नासिक से पुणे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 4 तक (Nasik to Junction with NH 4 near Pune)
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) 51 (149 किमी) – पैकन से दालु (Paikan to Dalu)

 

 

हरियाणा सामान्य ज्ञान (Haryana GK) प्रश्नोत्तर विवरण

हरियाणा सामान्य ज्ञान (Haryana GK) से जुड़े प्रश्नोत्तर प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे HSSC, HPSC, HTET, UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, पुलिस भर्ती आदि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें हरियाणा राज्य से संबंधित इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, संस्कृति, राजनीति, खेल, प्रशासन, महत्वपूर्ण व्यक्तित्व, त्योहार, लोक नृत्य, शिक्षा, उद्योग, परिवहन, पर्यटक स्थल आदि विषयों को शामिल किया जाता है।

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